शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत (Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut) ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने संबंधी भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के फैसले की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी।
राउत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवंबर 2016 में घोषित नोटबंदी का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा कि रातोंरात 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने से लोगों की नौकरी चली गई, उन्हें लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा और उनका जीवन दयनीय हो गया।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अब यह कदम फिर उसी राह पर ले जा रहा है। राउत ने कहा, ‘‘1000 रुपये के नोट फिर आएंगे और 500 रुपये के नोट पहले ही आ चुके हैं। सरकार ने अर्थव्यवस्था का मजाक बना दिया है और इसलिए ही बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने कहा कि आरबीआई के इस फैसले पर गहन रूप से अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2016 की नोटबंदी का भी ‘ऑडिट’ किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। हालांकि, इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे।