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Chandrayaan-3 Mission: ISRO ने पूरा किया रिहर्सल, इस दिन चंद्रयान-3 की होगी चंद्रमा पर लैंडिंग

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रयान-3 के लिए ‘लॉन्च रिहर्सल’ पूरा कर लिया. जिसे 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. चंद्रयान-3 मिशन: संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और 24 घंटे तक चलने वाली प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला ‘लॉन्च रिहर्सल’ संपन्न हो गया है. इस साल मार्च में,चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने आवश्यक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया था.

इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 के लिए ‘लॉन्च रिहर्सल’ पूरा कर लिया गया है. इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन: संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और 24 घंटे तक चलने वाली प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला ‘लॉन्च रिहर्सल’ संपन्न हो गया है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में, चंद्रयान-3 वाली इनकैप्सुलेटेड असेंबली को LVM3 के साथ जोड़ा गया है. अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले महीने बताया था कि वे 13-19 जुलाई के बीच अपने तीसरे चंद्र मिशन के लॉन्च दिवस की योजना बना रहे हैं. हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगेहम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगे.

चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसरो 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा. लैंडर के मिशन की पूरी अवधि एक चंद्र दिवस की रहने वाली है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है. जानकारी के लिए बता दें कि  यान के सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए तारीख इस आधार पर तय की जाती है कि चंद्रमा पर सूर्योदय कब होता है. इस बात का ध्यान रखा जाता है कि लैंडिंग करते समय सूरज की रोशनी हो.

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अगला मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा के साथ साथ चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है. चंद्रयान-3 का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नाजुक लैंडिंग का प्रदर्शन करना है. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग हासिल करने में भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है.

WITN

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