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    चीन ने Artificial Intelligence के जोखिमों को लेकर चेताया, सुरक्षा उपाय बढ़ाने को लेकर कही ये बात

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    चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में प्रगति से उत्पन्न जोखिमों को लेकर चेताया है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय मजबूत करने का आह्वान किया है। पार्टी नेता और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक के बाद जारी बयान अत्याधुनिक तकनीक में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने संबंधी सरकार के दृढ़ संकल्प और ऐसी प्रौद्योगिकियों के संभावित सामाजिक एवं राजनीतिक नुकसान के बारे में चिंताओं के बीच तनाव को रेखांकित करता है।

    सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि बैठक में राजनीतिक सुरक्षा और इंटरनेट डेटा एवं कृत्रिम मेधा संबंधी सुरक्षा में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए जाने का आह्वान किया गया। सेना के सर्वोच्च कमांडर और पार्टी के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष शी ने “राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष आने वाली जटिल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से अवगत रहने” पर विचार-विमर्श के लिए इस बैठक का आयोजन किया। शिन्हुआ ने शी के हवाले से कहा कि चीन को “नए सुरक्षा ढांचे के साथ विकास के नए तरीकों” की जरूरत है। इसने कहा, ‘‘बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि हमारे देश के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा समस्याओं संबंधी जटिलता और गंभीरता में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है।’’

    बैठक में कहा गया कि देश को संबंधित खराब स्थितियों और चरम परिदृश्यों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि चैटजीपीटी जैसे अत्यधिक सक्षम एआई चैटबॉक्स के चलते चीजों के इंसान के नियंत्रण से बाहर होने जैसी कई तरह की चिंताएं बढ़ी हैं। चिनफिंग ने बैठक ऐसे समय की जब माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के उच्चस्तरीय अधिकारियों सहित वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोगों ने मंगलवार को कृत्रिम मेधा के मानव जाति के लिए खतरा होने संबंधी एक नई चेतावनी जारी की।

    इससे संबंधित बयान में कहा गया, “महामारी और परमाणु युद्ध जैसे अन्य सामाजिक-स्तर के जोखिमों के साथ एआई की वजह से विलुप्त होने के जोखिम को कम करना एक वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए।” चैटजीपीटी-निर्माता ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम ऑल्टमैन और एआई के जनक के रूप में जाने जाने वाले कंप्यूटर वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन उन सैकड़ों प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को ‘सेंटर फॉर एआई सेफ्टी’ की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए बयान पर हस्ताक्षर किए।

    चीन अपने प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर पार्टी का नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास में कई तरह के अंकुश लगाता रहा है, लेकिन अन्य देशों की तरह वह भी तेजी से विकसित हो रही एआई तकनीक को विनियमित करने के तरीके खोजने की बात करता रहा है। एलोन मस्क सहित 1,000 से अधिक शोधकर्ताओं और प्रौद्योगिकीविदों ने इस साल की शुरुआत में एआई के विकास पर छह महीने तक रोक के लिए एक लंबे पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। मस्क इस समय चीन की यात्रा पर हैं। पत्र में कहा गया है कि एआई “समाज और मानवता के लिए गंभीर खतरा” उत्पन्न करती है। इस विषय से जुड़े कुछ लोगों ने प्रौद्योगिकी को विनियमित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संधि का प्रस्ताव दिया है।

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