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Saturday, April 27, 2024

Cyclone Biparjoy: गुजरात के मछुआरों को तट पर बुलाया गया वापस,जानें आख़िर क्या है पूरा मामला

अरब सागर में आए चक्रवात ‘बिपरजॉय’ उत्तर की ओर बढ़ा और गुजरात के तटीय पोरबंदर जिले से करीब 900 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित रहा, इसके कारण मछुआरों को गहरे समुद्र क्षेत्रों से तट पर लौटने के लिए कहा गया है और बंदरगाहों को दूरस्थ चेतावनी संकेत जारी करने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इस साल अरब सागर में आए पहले चक्रवात से राज्य के तटीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की उम्मीद है.

आईएमडी ने किया अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से जारी किए गए ताजा बुलेटिन के मुताबिक पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ वर्तमान में पोरबंदर से 930 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है और उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. अहमदाबाद में आईएमडी के मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, ‘‘ चक्रवात के कारण 10,11 और 12 जून को हवा की गति 45 से 55 समुद्री मील प्रति घंटे तक जा सकती है. इस दौरान हवा की गति 65 समुद्री मील के निशान को भी छू सकती है.

एसडीआरएफ की 11 टीमें तैयार
चक्रवात के कारण दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र सहित तटीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं. सभी बंदरगाहों को दूरस्थ चेतावनी संकेत जारी करने के लिए कहा गया है.’’ एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 11 टीमों को गुजरात में राहत कार्यों के लिए तैयार रखा गया है.

अरब सागर में बिपरजॉय नाम का चक्रवाती तूफान विकसित हुआ है. गुरुवार (8 जून) दोपहर को, यह गोवा से लगभग 850 किमी पश्चिम में और मुंबई से 900 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित था. चक्रवात के अगले तीन दिनों में ताकत हासिल करने और 13 जून तक एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में विकसित होने की भविष्यवाणी की गई है. गुरुवार (8 जून) को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की सलाह के अनुसार, चक्रवात के परिणामस्वरूप हवा के साथ तेज मौसम होगा. गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के समुद्र तट के साथ 35-45 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचती है. आईएमडी ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर किसी बड़े प्रभाव की भविष्यवाणी नहीं की है.

WITN

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